जागृति मिशन का प्रयास लाया रंग,सर्फेस वाटर पेयजल परियोजना का खाका तैयार
प्रयागराज।
जमुनापार में कभी चार दशक पहले हेमवती नंदन बहुगुणा और शास्त्री जी के अथक प्रयास से देवघाट,धनावल,कोहडा़र घाट,नारीबारी पेयजल योजनाओं का निर्माण कराया गया था। नदियों के पानी को लिफ्ट से उठाकर क्षेत्र के मेजा,करछना बारा,कोरांव के सुदूर सुरूर सैकड़ों गांवों में पानी पहुंचाया जा रहा था।कालांतर में पेयजल योजनाओं की बदहाली के चलते लोगों को पानी की जटिल समस्या से जूझना पड़ रहा है।जागृति मिशन द्वारा दशकों पूर्व से ही पेयजल की गंभीर समस्या को समाचार पत्रों में प्रकाशित करने के साथ साथ जनप्रतिनिधियों समेत शासन,प्रशासन का घेराव करते हुए इसके लिए गुहार लगाई।यह अनवरत प्रयास रंग लाया और पेयजल की जटिल समस्या को गंभीरता से लेते हुए अब केंद्र सरकार द्वारा सर्फेस वाटर पेयजल परियोजना के तहत गांव-गांव पानी पहुंचाने के लिए खाका तैयार किया जा चुका है।शीघ्र ही गंगा,यमुना नदियों पर इनका निर्माण कर सुदूर क्षेत्रों तक आसानी से पानी पहुंचाया जाएगा। यह बातें वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश द्विवेदी की अध्यक्षता में करछना में हुई एक बैठक के दौरान मिशन के संयोजक और वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ.भगवत पांडेय ने कही। डॉ.पांडेय ने बताया कि विगत कई वर्षों से खासतौर से गर्मी के दिनों में कोरांव,शंकरगढ़ के कंकरीले,
पथरीले क्षेत्र में बसे गांवों मजरों में लगातार पानी के अभाव में लोगों को जूझना पड़ता था।सैकड़ों टैंकरों द्वारा सुदूर गांवों में पानी पहुंचाया जाता था जो सिर्फ ऊंट के मुंह में जीरे की तरह साबित होता था। विगत दिनों अधिशाषीअभियंता राकेश वैश्य से वार्ता करने पर ज्ञात हुआ कि पानी के इस गंभीर समस्या को लेकर भारत सरकार द्वारा सर्फेस वाटर पेयजल योजना के तहत कई करोड़ रुपए की परियोजना का पूरा खाका तैयार हो चुका है। जिसमें गंगा के पानी को बडो़खर, कोरांव और माण्डा क्षेत्र के सुदूर गांवों में और यमुना के पानी को शंकरगढ़,बारा क्षेत्र के पथरीले क्षेत्र में बसे गांवों तथा वाश करके सर्फेस वाटर परियोजना द्वारा पहुंचाया जाएगा। इसके लिए जिम्मेदार लोगों द्वारा स्थलीय निरीक्षण भी किया जा चुका है।शीघ्र ही योजना का टेण्डर व क्रियान्वयन शुरू होगा और कुछ दिनों बाद पानी की गम्भीर समस्या से लोगों को निजात मिलेगी। मिशन के लोगों ने कहा कि अपनी अनियतकालीन पत्रिका लोकध्वनि सहित अखबारों के माध्यम से मिशन द्वारा लगातार आवाज उठाते रहने और सरकार तक इसकी गुहार लगाने के बाद यह प्रयास रंग लाया और परियोजना तैयार किये जाने से लोगों में नया भरोसा पैदा हुआ है। बैठक के दौरान दिनेश तिवारी,शोभनाथ द्विवेदी,मनीष तिवारी,कमला शंकर त्रिपाठी, प्रजापति राजमणि चौधरी,विद्याधर मिश्र,कृष्णा कान्त निषाद,रिंकू सिंह,बृजेश द्विवेदी,कल्लू पाल,समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।