स्क्वॉश में इतिहास रचने के बाद नम हुई सौरव घोषाल की आंखे!

भारत के सौरव घोषाल ने पुरुष एकल स्क्वॉश के कांस्य पदक के एकतरफा मुकाबले में बुधवार को यहां इंग्लैंड के दुनिया के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी जेम्स विल्सट्रॉप को सीधे गेम में 3-0 से हरा दिया। दुनिया के 15वें नंबर के खिलाड़ी घोषाल ने मेजबान देश के दुनिया के 24वें नंबर के खिलाड़ी के खिलाफ 11-6, 11-1, 11-4 से आसान जीत दर्ज की। राष्ट्रमंडल खेलों में स्क्वॉश एकल स्पर्धा में भारत का यह पहला पदक है। यह एतिहास जीत के बाद 35 वर्षीय भारतीय खिलाड़ी की आंखे नम हो गई।

घोषाल का राष्ट्रमंडल खेलों में यह दूसरा पदक है। उन्होंने 2018 में गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में दीपिका पल्लीकल के साथ मिलकर मिश्रित युगल का रजत पदक जीता था। घोषाल ने विल्सट्रॉप के खिलाफ शुरुआत से ही दबदबा बनाया और इंग्लैंड के खिलाड़ी के पास उनके खेल का कोई जवाब नहीं था।

विल्सट्रॉप ने पहले गेम में घोषाल को टक्कर देने की कोशिश की लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने उन्हें अंक बनाने के अधिक मौके नहीं दिए। दूसरे गेम में तो विल्सट्रॉप की भूमिका सिर्फ एक दर्शक जैसी रही और मेजबान देश का खिलाड़ी पूरे गेम में सिर्फ एक ही अंक जुटा पाया।

तीसरे गेम में भी स्थिति में अधिक बदलाव देखने को नहीं मिला और घोषाल ने दबदबा कायम रखते हुए कांस्य पदक अपने नाम किया।

सौरव 2010 से कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा ले रहे हैं। अपने पहले प्रयास में वह तीसरे राउंड से बाहर हुए, वहीं 2014 में वह ब्रॉन्ज मेडल के नजदीक पहुंचकर हारे। 2018 में वह रॉफड ऑफ 32 से बाहर हुए। तीन असफल प्रयासों के बाद उन्होंने आखिरकार इस साल मेडल अपने नाम किया।

इससे पहले अनुभवी जोशना चिनप्पा और हरिंदर पाल सिंह संधू की मिश्रित युगल जोड़ी ने प्री क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई।

जोशना और संधू की जोड़ी ने श्रीलंका की येहेनी कुरुप्पु और रविंदु लक्सीरी की जोड़ी को 8-11 11-4 11-3 से हराया। जोशना और संधू की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उन्होंने काफी गलतियां करते हुए पहला गेम गंवा दिया लेकिन भारतीय जोड़ी ने इसके बाद वापसी करते हुए अगले दो गेम आसानी से जीतकर मुकाबला अपने नाम किया।

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