रबी फसलों को कीट/रोग एवं खरपतवार से बचाएं-उप कृषि निदेशक

प्रयागराज।
  वर्तमान समय में अत्यधिक सर्दी एवं बादल युक्त मौसम को देखते हुये उप कृषि निदेशक (कृषि रक्षा) प्रयागराज मण्डल, गोपाल दास गुप्ता ने किसान भाइयों को सलाह दी है कि वे अपने फसलों की नियमित निगरानी करते रहें एवं आवश्यकता पड़ने पर निम्न फसल सुरक्षा उपाय अपनाये।
राई /सरसों :-
माहू एवं पत्ती सुरंगक कीट के नियंत्रण हेतु एजाडीरेक्टिन 0.15 प्रतिशत ई0सी0 की 2.5 लीटर या  डाईमेथोएट 30% ई0सी0 या क्लोरपाइरीफॉस 20% ई0सी0 की 1.0 लीटर मात्रा मे से किसी एक रसायन को 500-600 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें
अल्टरनेरिया पत्ती धब्बा, सफेद गेरूई एवं तुलासिता रोग के नियंत्रण हेतु मैंकोज़ेब 75% डब्ल्यू0पी0 अथवा जिनेब 75% डब्ल्यू0पी0 की 2.0 किलोग्राम या मेटालेक्सिल 8 प्रतिशत + मैंकोज़ेब 64% डब्ल्यू0पी0 की 2.5 किलोग्राम मात्रा मे से किसी एक रसायन को 500-600 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें।
आलू:-
आलू मे  अगेती एवं पछेती  झुलसा रोग के नियंत्रण हेतु जिनेब 75% डब्ल्यू0पी0 की 2 किलोग्राम अथवा कॉपर ऑक्सिक्लोराइड 50% डब्ल्यूपी की 2.5 किलोग्राम  मात्रा मे से किसी एक रसायन  को लगभग 500-600 लीटर  पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टर छिड़काव करें।
 गेहूं :-
निम्नांकित खरपतवारों के नियन्त्रण हेतु नीचे दी गई मात्रा को 200 लीटर पानी मे मिलाकर                 फ्लैट फैन नाजिल की सहायता से प्रथम सिचाई के बाद (25 -30 दिन की अवस्था पर) प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
सकरी पत्ती वाले खरपतवारो (गेहूंसा एवं जंगली जई ) के नियंत्रण हेतु सल्फोसल्फ्यूरान 75%       डब्ल्यू0जी0 की एक यूनिट।
चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारो (बथुआ, कृष्णनील आदि) के नियंत्रण हेतु मेटसल्फ्यूरान  मिथाइल 20% डब्ल्यू0पी0 की एक यूनिट।
सकरी एवं चौड़ी पत्ती वाले दोनों तरह के मिश्रित खरपतवारो के नियंत्रण हेतु  सल्फोसल्फ्यूरान  75% + मेटसल्फ्यूरान  मिथाइल 5%  डब्ल्यू0जी0 की एक यूनिट।
          किसान भाई फसल सुरक्षा हेतु किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए कृषि विभाग के व्हाट्सप नंबर 9452247111 व 9452257111 अथवा अधोहस्ताक्षरी के मो०न० 9415592498 पर भी सम्पर्क कर सकते है।

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