नारी रूप के हर एक अंश का
यारो दिल से सभी सम्मान करो
भूल से भी कभी भूलकर यारो ना उनका अपमान करो सच्चे
मन से मेरे यारो तुम उनका संम्मान करो,,,,,2
आदी शक्ति का अंश हैं नारी
शक्ति का वो स्वरूप हैं, धरा प्रकृति
और जल थल में उसका सब से सुन्दर रूप हैं हा सब से सुन्दर रूप हैं,,,,,,2
सदा सर्वदा शक्ति स्वरूपा
आदी शक्ति हर घर मे पूजी जाती हैं,
उन्ही के अंग का एक अंश
हैं जो वो नारी कहलाती हैं,
अपने पूर्ण समर्पित भाव से
वो हर घर को स्वर्ग बनाती हैं,
नारी का सम्मान करो हा हर नारी का सम्मान करो,,,,,2
जन्मदात्री जननी हैं वो
कुलवंशनी कहलाती हैं,
इस पूरे संसार मे नारी की
महिमा सब से भारी हैं ,
सदा पूज्नीय ममतामयी
सब से सम्मानीत नारी हैं,
नारी का सम्मान करो,,,,,2
कही पर लक्ष्मी कही पे दुर्गा
कही भगवती कहलाती हैं,
कही भवानी माँ जीवदानी
कही जगतम्बा कहलाती हैं
आदीशक्ति जगजननी भवानी घर
घर पूजी जाती हैं, इसिलए तो
मैं कहता हूं नारी का सम्मान करो हा नारी का सम्मान
करो,,,,2
कवी : रमेश हरीशंकर तिवारी
( रसिक बनारसी )