देश के नामी गयनेकोलॉजिस्ट डा. ऋषिकेश डी पाई ने दिया प्रतिष्ठित ‘डॉ ऐ के बंसल ओरेशन’

एग फ्रीजिंग तकनीक से चालीस की उम्र के बाद भी स्वस्थ बच्चे को जन्म देना संभव
prayagraj|
इलाहाबाद मीनोपॉज सोसाइटी द्वारा आयोजित इंडियन मीनोपॉज सोसाइटी की  29वीं राष्ट्रीय कांफ्रेंस (IMSCON-2024) के तीसरे दिन रविवार  25 फरवरी को देश के नामी गयनेकोलॉजिस्ट डा. ऋषिकेश डी पाई  ने प्रतिष्ठित ‘डॉ ऐ के बंसल ओरेशन’ इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन कन्वेंशन सेंटर में ‘ 40  की उम्र में गर्भावस्था ‘ पर दिया।  इस प्रतिष्ठित ओरेशन को चेयर किया ऑर्गनाइजिंग चेयरपर्सन व जीवन ज्योति हॉस्पिटल की निदेशक डॉ वंदना बंसल, इंडियन मीनोपॉज सोसाइटी की प्रेजिडेंट इलेक्ट डॉ अंजू सोनी , डॉ अनुराधा खन्ना व डॉ रंजना खन्ना ने।  तीन-दिवसीय कांफ्रेंस के अंतिम दिवस एडवांस्ड लप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ अर्पित बंसल ने लेप्रोस्कोपी व हिस्टेरोस्कोपी प्रक्रिया पर , इंटरवेंशनल रेडियोलाजिस्ट डॉ हर्षित बंसल ने इंटरवेंशनल रेडियोलोजी के विभिन्न इलाज में इंटरवेंशनल रेडियोलोजी की उपयोगिता पर , बाल्य रोग विशेषज्ञ डॉ साक्षी आर बंसल का ओवेरियन व ब्रैस्ट कैंसर का जेनेटिक्स से सम्बन्ध , डॉ प्रभु मिश्रा नै स्टेम सेल , डॉ सेजल अजमेरा ने जी एस एम् पर, कांफ्रेंस की ओर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ अंजुला सहाय, डॉ मोनिका सिंह , डॉ रणधीर सिंह , डॉ अमृता चौरसिआ आदि नै मीनोपॉज व उससे सम्बंधित समस्यायों व उनके निदान की नवीनतम चिकित्सा तकनीक पर जानकारी साझा की।  इस अवसर पर मीनोपॉज के दौरान हो रही कई मनोवैज्ञानिक समस्यायों पर भी पैनल डिस्कशन हुए।
मुंबई से आये डा. ऋषिकेश डी पाई  ने ‘डॉ ऐ के बंसल ओरेशन’ में बताया की  40 वर्ष की उम्र में गर्भधारण करने में माँ व बच्चे को कई शारीरिक समस्यांए हो सकती हैं। इस उम्र में महिलाओं में अंडाणु की संख्या कम होने लगती है।  ऐसा भी देखा गया है की अधिक उम्र में माँ बनने पर उनके बच्चों में कई अनुवांशिक समस्याएं हो गयीं।  कई ऐसे बच्चों में डाउन सिन्ड्रोम आदि की समस्या भी पायी गयी।  इसके साथ ही अधिक उम्र में प्रेगनेंसी रेट भी कम हो जाता है। ऐसे में महिलायें या तो आई वी ऍफ़ करवाती हैं।  या कई बार  बच्चे को गोद लेना चाहते हैं,  जो की अब बहुत सरल प्रक्रिया नहीं है।  इस सब जटिलतायों  को देखते हुए अब कई महिलायें अपना एग फ्रीज करवा रहीं हैं जिससे सही समय आने पर व एक स्वस्थ शिशु को जन्म दे सकें।
डॉ पाई न बताया की गर्भधारण की वैज्ञानिक उम्र 20 से 30 साल के बीच मानी जाती है लेकिन कैरियर की प्राथमिकता व अन्य कई के कारण महिलाएं इस उम्र में मां बनने से परहेज करने लगी हैं. इसलिए आज के युग में बड़े शहरों में एग फ्रीजिंग (Egg Freezing) का चलन बढ़ रहा है।  एग फ्रीजिंग महिलाओं को गर्भधारण की सही उम्र बीत जाने के बाद भी प्रेग्नेंसी की सुविधा देती ह।  यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें महिलाओं में गर्भधारण की वास्तविक उम्र में उनसे अंडा निकाल लिया जाता है और इसे सुरक्षित रख लिया जाता है।  हम एग फ्रीजिंग  2007  से कर रहें हैं।  इसके अलावा हम बड़ी उम्र में प्रेगनेंसी दर को बढ़ाने के लिए ओवेरियन रेजुवेनशन थेरेपी भी करते हैं , इससे भी कई बार बड़ी उम्र में माँ को गर्भधारण करने में मदद मिलती है।
डॉ पाई नै बताया की अब कई उन्नत नॉन इनवेसिव टेस्ट हो रहें हैं हैं जसिमे 10  से 12  हफ्ते के गर्भस्थ शिशु में कोई जेनेटिक बिमारी तो नहीं है इसके बारे में पता लगाया जा सकता है।

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