प्रयागराज । श्रृंगवेरपुर धाम मे रामायण मेला आयोजन शुभारंभ के अवसर पर आयोजित राम कथा का रसपान कराते हुये कथा वाचक कमल नयन दास जी महाराज महाराज ने कहा कि श्रृंगवेरपुर धाम कि श्री राम कथा से जीवन और मृत्यु दोनों का सुधार होता है यही कारण है वनवास काल में भगवान श्रीराम ने स्वयं यहां पर कथा कही और निषाद राज केवट का सम्मान किया कथा को आगे बढ़ाते हुए महाराज जी ने कहा जीव हत्या ही हिंसा नहीं होती है अपितु किसी व्यक्ति के बढ़ते हुए विकास व उसके वैभव से ईर्ष्या करना भी हिंसा के दायरे में आता है इसलिए प्रत्येक मानव को विचार करना चाहिए और हमेशा दूसरे की प्रगति पर उसे प्रसन्न होना चाहिए कथा से पूर्व दीप जलाकर राष्ट्रीय रामायण मेले का शुभारंभ किया।
कार्तिक शुक्ल पक्ष देवथान एकादशी यानी 23 नवंबर से आरंभ होकर कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर को संपन्न होने वाले श्रृंग्वेरपुर धाम के 34वें राष्ट्रीय रामायण मेला की कुशलता के लिए गंगापूजन कर शंखनाद किया गया। तीर्थपुरोहित समाज के अध्यक्ष पं. काली सहाय त्रिपाठी ने मंत्राच्चारण के साथ पूजन कार्यक्रम संपन्न कराते हुए अतिथियों को श्रृंग्वेरपुर की महत्ता बताई। इस अवसर पर सांडिल्य महाराज सीताराम महाराज कमल नयन दास जी महाराज के साथ ही भारी संख्या में क्षेत्रीय लोगों ने भाग लिया
श्रृंगवेरपुर धाम में पांच दिवसीय 34वें राष्ट्रीय रामायण मेले का शुभारंभ गुरुवार को गंगा पूजन के साथ हुआ । रामघाट पर बनाए गए एडवोकेट बलराम सिंह 1008
जय राम दास जी महाराज माधव दास जी महाराज में माँ भगवती की गंगा पूजन कर कथा का रसपान कियासंचालन रामायण मेला आयोजन समिति के महामंत्री उमेशचन्द्र द्विवेदी ने किया। जबकि अतिथियों का आभार समिति के अध्यक्ष डाॅ. बालकृष्ण पांडेय ने जताया। इस अवसर पर सियाराम सरोज, अमित द्विवेदी, सुरेन्द्र मिश्र, विनोद ओझा, बलराम सिंह, उमेश तिवारी, राज कुशवाहा आदि सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
वाराणसी से आये पुरोहित ने की गंगा आरती
श्रृंगवेरपुर में राष्ट्रीय रामायण मेला के प्रथम दिन वाराणसी से आये पुरोहितों द्वारा गंगा आरती कर आरती के महत्वा के बारे में बताया गया ।